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"जो कहते हैं - 'हमसे लड़ाई हुई है' / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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हुई थी जिसे बोलने की मनाही | हुई थी जिसे बोलने की मनाही | ||
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कहाँ उनकी बैठक, कहाँ मेरी चर्चा! | कहाँ उनकी बैठक, कहाँ मेरी चर्चा! | ||
ये बेपर की किसकी उड़ाई हुई है! | ये बेपर की किसकी उड़ाई हुई है! | ||
− | खिलेंगे गुलाब उनकी | + | खिलेंगे गुलाब उनकी आँखों में अब तो |
सुना थोड़ी-थोड़ी ललाई हुई है | सुना थोड़ी-थोड़ी ललाई हुई है | ||
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01:33, 25 जून 2011 का अवतरण
जो कहते हैं, 'हमसे लड़ाई हुई है'
किसी की लगाई बुझाई हुई है
कहो प्यार से छिप के सपनों में आये
अभी रूप को नींद आई हुई है
न छेड़ो इसे भावना रो पड़ेगी
ये पहले ही से चोट खाई हुई है
हुई थी जिसे बोलने की मनाही
वो बात आज होठों पे आई हुई है
कहाँ उनकी बैठक, कहाँ मेरी चर्चा!
ये बेपर की किसकी उड़ाई हुई है!
खिलेंगे गुलाब उनकी आँखों में अब तो
सुना थोड़ी-थोड़ी ललाई हुई है