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आज सुख सोवत सलौनी सजी सेज पैं / द्विज गुंजरन लागीं भौंर-भीरैं केलि-कुंजन मैं / द्विज मेल्यौ उर आँनद अपार मैन सोवत हीं / द्विज सुर ही के भार सूधे-सबद सु कीरन के / द्विज हौरैं-हौंरैं डोलतीं सुगंध-सनीं डारन तैं / द्विज संभ्रम अति उर मैं बढ़्यौ / द्विज सौंधे समीरन कौ सरदार / द्विज सुनत सलौनी बात यह / द्विज लटपटी पाग सिर साजत उनींदे अंग / द्विज सीतल-समीर मंद हरत मरंद-बुंद / द्विज