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"कुछ फूल चमन में बाक़ी हैं / अर्श मलसियानी" के अवतरणों में अंतर
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ऐ नंगे-चमन तू इस पर भी काँटों का हार पिरोता है? | ऐ नंगे-चमन तू इस पर भी काँटों का हार पिरोता है? | ||
15:17, 29 जून 2011 के समय का अवतरण
गो फ़स्ले-ख़िज़ाँ है फिर भी तो कुछ फूल चमन में बाक़ी हैं,
ऐ नंगे-चमन तू इस पर भी काँटों का हार पिरोता है?
अंजामे-अमल की फ़िक्र न कर, है ज़िक्र भी इसका नंगे-अमल,
जो करना है तुझको कर ले, वोह होने दे जो होता है
तूफ़ाने-मुसीबत तेज़ सही, लेकिन यह परेशानी कैसी?
कश्ती को बीच समन्दर में क्यों अपने आप डुबोता है?