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"दिल तो मिलता है, निगाहें न मिलें भी तो क्या !/ गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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कह दें आँखों से, न ये होंठ हिले भी तो क्या! | कह दें आँखों से, न ये होंठ हिले भी तो क्या! | ||
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हमको नज़रों के इशारे न मिलें भी तो क्या! | हमको नज़रों के इशारे न मिलें भी तो क्या! | ||
उनके दिल में तो बसी तेरी ही रंगत है गुलाब! | उनके दिल में तो बसी तेरी ही रंगत है गुलाब! | ||
− | फूल लाखों जो बहारों में | + | फूल लाखों जो बहारों में खिलें भी तो क्या! |
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01:57, 2 जुलाई 2011 का अवतरण
दिल तो मिलता है, निगाहें न मिलें भी तो क्या!
कह दें आँखों से, न ये होंठ हिले भी तो क्या!
उड़के ख़ुशबू तो उन आँखों की मिली है हरदम
हमको नज़रों के इशारे न मिलें भी तो क्या!
उनके दिल में तो बसी तेरी ही रंगत है गुलाब!
फूल लाखों जो बहारों में खिलें भी तो क्या!