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"आपका एक इशारा तो हो! / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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दो घड़ी ज़िक्र हमारा तो हो!
 
दो घड़ी ज़िक्र हमारा तो हो!
  

00:25, 4 जुलाई 2011 का अवतरण


आपका एक इशारा तो हो!
कोई जीने का सहारा तो हो!

ख़ूब मातम मना रहे हैं दोस्त
दो घड़ी ज़िक्र हमारा तो हो!

देख लें प्यार से मुड़कर वे भी
हमने दिल से भी पुकारा तो हो!

इस तरफ एक किनारा है, मगर
उस तरफ कोई किनारा तो हो!

तेरी तड़पन समझ सकेगा गुलाब!
कोई इस दर्द का मारा तो हो!