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"कहाँ पर हमको उम्मीदों ने लाके छोड़ दिया / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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अँधेरी रात में दीपक जलाके छोड़ दिया | अँधेरी रात में दीपक जलाके छोड़ दिया | ||
उसी को सजते रहे हैं हम अपनी ग़ज़लों में | उसी को सजते रहे हैं हम अपनी ग़ज़लों में | ||
− | था जिसने साथ बहाना | + | था जिसने साथ बहाना बनाके छोड़ दिया |
फिर उस तरह से कभी चाँदनी सँवर न सकी | फिर उस तरह से कभी चाँदनी सँवर न सकी | ||
− | + | किसीने दो घड़ी मन में बसाके छोड़ दिया | |
अभी तो हमने लगाया था डायरी को हाथ | अभी तो हमने लगाया था डायरी को हाथ | ||
− | लजाते देख उन्हें | + | लजाते देख उन्हें मुस्कुराके छोड़ दिया |
छलकता और ही उनपर है आज प्यार का रंग | छलकता और ही उनपर है आज प्यार का रंग |
01:44, 7 जुलाई 2011 का अवतरण
कहाँ पे हमको उम्मीदों ने लाके छोड़ दिया
अँधेरी रात में दीपक जलाके छोड़ दिया
उसी को सजते रहे हैं हम अपनी ग़ज़लों में
था जिसने साथ बहाना बनाके छोड़ दिया
फिर उस तरह से कभी चाँदनी सँवर न सकी
किसीने दो घड़ी मन में बसाके छोड़ दिया
अभी तो हमने लगाया था डायरी को हाथ
लजाते देख उन्हें मुस्कुराके छोड़ दिया
छलकता और ही उनपर है आज प्यार का रंग
किसी ने दूध में केसर मिलाके छोड़ दिया
भले ही प्यार ने हमको बना दिया था गुलाब
उन्होंने आँख का काँटा बनाके छोड़ दिया