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"हमसे किसी का प्यार छिपाया न जायेगा / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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02:38, 7 जुलाई 2011 का अवतरण
हमसे किसी का प्यार छिपाया न जायेगा
इतना हसीन बोझ उठाया न जायेगा
मेंहदी लगी हुई है उमंगों के पाँव में
सपने में भी तो आपसे आया न जायेगा
लय-ताल टूट जाते हैं आते ही उनका नाम
जीवन का गीत हमसे तो गाया न जायेगा
हँसने की बात और थी, रोने की बात और
पत्थर के दिल में फूल खिलाया न जायेगा
यों तो किसी के मन से उतारे हुए हैं हम
आयेंगे याद फिर तो भुलाया न जायेगा
लहरा रहे हैं आपकी आँखों में अब गुलाब
काँटों से ज़िन्दगी को बचाया न जायेगा