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"चाह अब भी हो उसे मेरी, ज़रूरी तो नहीं / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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ऊम्र भर याद हो बचपन की, ज़रूरी तो नहीं | ऊम्र भर याद हो बचपन की, ज़रूरी तो नहीं | ||
− | प्यार करने का उसे | + | प्यार करने का उसे हक़ तो सभीका है मगर |
प्यार बदले में करे वह भी, ज़रूरी तो नहीं | प्यार बदले में करे वह भी, ज़रूरी तो नहीं | ||
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जानता भी हो इसे कोई, ज़रूरी तो नहीं | जानता भी हो इसे कोई, ज़रूरी तो नहीं | ||
− | + | वक़्त मिलता नहीं मिलने का तुम्हें, सच है, मगर | |
− | बस यही एक हो | + | बस यही एक हो मजबूरी, ज़रूरी तो नहीं |
− | कहा गुलाब से मिलने को तो | + | कहा गुलाब से मिलने को तो हँसकर बोला, |
'आख़िरी रात हो यह उसकी, ज़रूरी तो नहीं ' | 'आख़िरी रात हो यह उसकी, ज़रूरी तो नहीं ' | ||
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00:35, 9 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
चाह अब भी हो उसे मेरी, ज़रूरी तो नहीं
ऊम्र भर याद हो बचपन की, ज़रूरी तो नहीं
प्यार करने का उसे हक़ तो सभीका है मगर
प्यार बदले में करे वह भी, ज़रूरी तो नहीं
हर अदा उसकी क़यामत बनी है मेरे लिए
जानता भी हो इसे कोई, ज़रूरी तो नहीं
वक़्त मिलता नहीं मिलने का तुम्हें, सच है, मगर
बस यही एक हो मजबूरी, ज़रूरी तो नहीं
कहा गुलाब से मिलने को तो हँसकर बोला,
'आख़िरी रात हो यह उसकी, ज़रूरी तो नहीं '