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"अब केवल प्रेम / वत्सला पाण्डे" के अवतरणों में अंतर
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Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वत्सला पाण्डे |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}<poem>दुःखों में डू…) |
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04:31, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
दुःखों में
डूबती ही गई
उबरने के लिए
पीडा.ओं को
सोख लिया
तीन आचमन में
पच गए हैं
सभी शोक संताप
मैं निःशेष