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"अब केवल प्रेम / वत्सला पाण्डे" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वत्सला पाण्डे |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}}<poem>दुःखों में डू…)
 
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04:31, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

दुःखों में
डूबती ही गई
उबरने के लिए

पीडा.ओं को
सोख लिया
तीन आचमन में

पच गए हैं
सभी शोक संताप

मैं निःशेष