भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"नींद ने यह क्या किया / वत्सला पाण्डे" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वत्सला पाण्डे |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}}<poem>रोम रोम से सघन…)
 
(कोई अंतर नहीं)

04:34, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

रोम रोम से
सघन अंधकार को
पीते हुए

समाती गई
एक अहसास में

कि नींद ने
एक हाथ थामा है
दूसरा छोड़ दिया है