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"'नहीं वृन्दावन दूर कहीं था / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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धरती- गगन एक कर देता | धरती- गगन एक कर देता | ||
कभी आपको, कंस-विजेता | कभी आपको, कंस-विजेता | ||
− | कुछ भी कठिन नहीं था | + | कुछ भी कठिन नहीं था |
'अश्व आपके रथ के पल में | 'अश्व आपके रथ के पल में | ||
जाते उड़ तारा-मंडल में | जाते उड़ तारा-मंडल में | ||
वृन्दावन तो बस करतल में | वृन्दावन तो बस करतल में | ||
− | पलकों तले यहीं था | + | पलकों तले यहीं था |
'नहीं वृन्दावन दूर कहीं था | 'नहीं वृन्दावन दूर कहीं था | ||
क्यों न चले आये मनमोहन! यदि मन सदा वहीं था!' | क्यों न चले आये मनमोहन! यदि मन सदा वहीं था!' | ||
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04:43, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
'नहीं वृन्दावन दूर कहीं था
क्यों न चले आये मनमोहन! यदि मन सदा वहीं था!'
'मन यदि मेरी सुधि कर लेता
धरती- गगन एक कर देता
कभी आपको, कंस-विजेता
कुछ भी कठिन नहीं था
'अश्व आपके रथ के पल में
जाते उड़ तारा-मंडल में
वृन्दावन तो बस करतल में
पलकों तले यहीं था
'नहीं वृन्दावन दूर कहीं था
क्यों न चले आये मनमोहन! यदि मन सदा वहीं था!'