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"लौटकर हरि वृन्दावन आते! / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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क्यों लोचन विरहानल सेते! | क्यों लोचन विरहानल सेते! | ||
और न कुछ तो सुधि ले लेते | और न कुछ तो सुधि ले लेते | ||
− | कभी गाँव के नाते | + | कभी गाँव के नाते |
यमुना-तट पर वंशी बजती | यमुना-तट पर वंशी बजती | ||
वही युगल जोड़ी फिर सजती | वही युगल जोड़ी फिर सजती | ||
नभ में श्यामल घटा गरजती | नभ में श्यामल घटा गरजती | ||
− | मोर, पपीहा गाते! | + | मोर, पपीहा गाते! |
हरि तो योगेश्वर बन फूले | हरि तो योगेश्वर बन फूले | ||
राधा कैसे उनको भूले! | राधा कैसे उनको भूले! | ||
जो उसके मन को भी छू ले | जो उसके मन को भी छू ले | ||
− | ऐसा ज्ञान सुनाते | + | ऐसा ज्ञान सुनाते |
लौटकर हरि वृन्दावन आते! | लौटकर हरि वृन्दावन आते! | ||
एक बार मिल लेती राधा उनसे जाते-जाते! | एक बार मिल लेती राधा उनसे जाते-जाते! | ||
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04:50, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
लौटकर हरि वृन्दावन आते!
एक बार मिल लेती राधा उनसे जाते-जाते!
आस न यदि मिलने की देते
क्यों लोचन विरहानल सेते!
और न कुछ तो सुधि ले लेते
कभी गाँव के नाते
यमुना-तट पर वंशी बजती
वही युगल जोड़ी फिर सजती
नभ में श्यामल घटा गरजती
मोर, पपीहा गाते!
हरि तो योगेश्वर बन फूले
राधा कैसे उनको भूले!
जो उसके मन को भी छू ले
ऐसा ज्ञान सुनाते
लौटकर हरि वृन्दावन आते!
एक बार मिल लेती राधा उनसे जाते-जाते!