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"रत्ना! तू जीती, मैं हारा / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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जिसे जिलाती वह मर-मरकर | जिसे जिलाती वह मर-मरकर | ||
सुधि तेरी भी लेगा मत डर | सुधि तेरी भी लेगा मत डर | ||
− | जिसने मुझे पुकारा | + | जिसने मुझे पुकारा |
घेर न मुझको अश्रुकणों से | घेर न मुझको अश्रुकणों से | ||
कर विमुक्त परिणय-वचनों से | कर विमुक्त परिणय-वचनों से | ||
जुड़ने दे हरि के चरणों से | जुड़ने दे हरि के चरणों से | ||
− | छूटे यह भव-कारा | + | छूटे यह भव-कारा |
नाम भले ही जग ले मेरा | नाम भले ही जग ले मेरा | ||
देखे नहीं त्याग-तप तेरा | देखे नहीं त्याग-तप तेरा | ||
किन्तु राम के धाम बसेरा | किन्तु राम के धाम बसेरा | ||
− | होगा साथ हमारा | + | होगा साथ हमारा |
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रत्ना! तू जीती, मैं हारा | रत्ना! तू जीती, मैं हारा | ||
पर निज प्रभु को सौंप चुका मैं अब यह जीवन सारा | पर निज प्रभु को सौंप चुका मैं अब यह जीवन सारा | ||
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04:56, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
रत्ना! तू जीती, मैं हारा
पर निज प्रभु को सौंप चुका मैं अब यह जीवन सारा
ऋणी सदा नारी का है नर
जिसे जिलाती वह मर-मरकर
सुधि तेरी भी लेगा मत डर
जिसने मुझे पुकारा
घेर न मुझको अश्रुकणों से
कर विमुक्त परिणय-वचनों से
जुड़ने दे हरि के चरणों से
छूटे यह भव-कारा
नाम भले ही जग ले मेरा
देखे नहीं त्याग-तप तेरा
किन्तु राम के धाम बसेरा
होगा साथ हमारा
रत्ना! तू जीती, मैं हारा
पर निज प्रभु को सौंप चुका मैं अब यह जीवन सारा