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"प्यार दिल में है अगर प्यार से दो बात भी हो / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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कौन रखता यहाँ प्यार के वादों का हिसाब! | कौन रखता यहाँ प्यार के वादों का हिसाब! | ||
− | आप नाहक हैं | + | आप नाहक हैं परीशान, कोई बात भी हो! |
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23:26, 12 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
प्यार दिल में है अगर प्यार से दो बात भी हो
यों न उमड़ा करें बादल, कभी बरसात भी हो
उनसे परदा है जिन्हें दिल की बात कहनी है
कुछ हो ऐसा कि ये परदा भी रहे, बात भी हो
फिर कहाँ होंगी ये रातें, ये शोख़ियाँ दिल की!
क्या कहेंगे हम उन्हें फिर जो मुलाक़ात भी हो!
कौन रखता यहाँ प्यार के वादों का हिसाब!
आप नाहक हैं परीशान, कोई बात भी हो!
यों तो ख़ुशबू का ख़जाना है पँखुरियों में, गुलाब!
क्या पता इनमें तेरे प्यार की सौग़ात भी हो