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( बरवै रामायण किष्किन्धाकाण्ड )

( पद 34 से 35तक)

स्याम गौर दोउ मूरति लछिमन राम।
इन तें भइ सित कीरति अति अभिराम।34।

कुजन पाल गुन बर्जित अकुल अनाथ।
कहहु कृपानिधि राउर कस गुन गाथ।35।
 
इति बरवै रामायण किष्किन्धाकाण्ड

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