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"चल चलें इक राह नूतन / नवीन सी. चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
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13:02, 30 अगस्त 2011 का अवतरण
चल चलें इक राह नूतन
भय न किंचित हो जहाँ पर
पल्लवित सुख हो निरंतर
अब लगाएं हम वहीँ पर
बन्धु - निज आसन
द्वेष - ईर्ष्या को न प्रश्रय
दुर्गुणों की हो पराजय
हो जहाँ बस प्रेम की जय
खिल उठे तन मन