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"हमने कर ली सफ़र की तैयारी / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'" के अवतरणों में अंतर
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हमने कर ली सफ़र की तैयारी | हमने कर ली सफ़र की तैयारी | ||
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ये न पूछो किधर की तैयारी | ये न पूछो किधर की तैयारी | ||
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बिछ गए हैं उधर की अंगारे | बिछ गए हैं उधर की अंगारे | ||
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हमने की है जिधर की तैयारी | हमने की है जिधर की तैयारी | ||
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एक गाड़ी थी वो भी छूट गई | एक गाड़ी थी वो भी छूट गई | ||
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खा गई हमसफ़र की तैयारी | खा गई हमसफ़र की तैयारी | ||
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टूटे दिल को ज़रा तो जुड़ने दो | टूटे दिल को ज़रा तो जुड़ने दो | ||
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करना फिर तुम क़हर की तैयारी | करना फिर तुम क़हर की तैयारी | ||
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मछलियाँ किस तरह यक़ीं कर लें | मछलियाँ किस तरह यक़ीं कर लें | ||
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होगी हित में ‘मगर’ की तैयारी | होगी हित में ‘मगर’ की तैयारी | ||
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यार मेरे मुझे तो ले डूबी | यार मेरे मुझे तो ले डूबी | ||
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कुछ इधर कुछ उधर की तैयारी | कुछ इधर कुछ उधर की तैयारी | ||
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ऐ ‘अकेला’ वो फिर नहीं आए | ऐ ‘अकेला’ वो फिर नहीं आए | ||
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की गई दुनिया भर की तैयारी</poem> | की गई दुनिया भर की तैयारी</poem> |
10:43, 31 अगस्त 2011 का अवतरण
हमने कर ली सफ़र की तैयारी
ये न पूछो किधर की तैयारी
बिछ गए हैं उधर की अंगारे
हमने की है जिधर की तैयारी
एक गाड़ी थी वो भी छूट गई
खा गई हमसफ़र की तैयारी
टूटे दिल को ज़रा तो जुड़ने दो
करना फिर तुम क़हर की तैयारी
मछलियाँ किस तरह यक़ीं कर लें
होगी हित में ‘मगर’ की तैयारी
यार मेरे मुझे तो ले डूबी
कुछ इधर कुछ उधर की तैयारी
ऐ ‘अकेला’ वो फिर नहीं आए
की गई दुनिया भर की तैयारी