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"प्रार्थना / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर
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| + | आकाश के अनंत छोर तक पहुँच | ||
बच्चों के लिए चुग्गा जुटा कर | बच्चों के लिए चुग्गा जुटा कर | ||
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अपने घोंसले में | अपने घोंसले में | ||
वे पंख देना मुझे । | वे पंख देना मुझे । | ||
युगों से अंधकार में गुम | युगों से अंधकार में गुम | ||
| − | सुखों को शोध | + | सुखों को शोध सकूँ |
भावी पीढ़ियों के लिए | भावी पीढ़ियों के लिए | ||
| − | वह | + | वह आँख देना मुझे |
अन्यथा ओ ईश्वर ! | अन्यथा ओ ईश्वर ! | ||
18:52, 5 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण
आकाश के अनंत छोर तक पहुँच
बच्चों के लिए चुग्गा जुटा कर
सांझ समय वापिस पहुँच सकूँ
अपने घोंसले में
वे पंख देना मुझे ।
युगों से अंधकार में गुम
सुखों को शोध सकूँ
भावी पीढ़ियों के लिए
वह आँख देना मुझे
अन्यथा ओ ईश्वर !
कृपा के नाम पर
कृपया
कोई कृपा मत करना मुझ पर
अनुवाद : मोहन आलोक
