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"हादसे तीरगी हो गये / दिनेश त्रिपाठी 'शम्स'" के अवतरणों में अंतर
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− | आदमी हो गये जानवर | + | |
− | देवता आदमी हो गये | + | आदमी हो गये जानवर |
− | रात भर जो थे अपने वही | + | देवता आदमी हो गये |
− | सुबह को अजनबी हो गये | + | |
− | आपने हमको छू भर दिया | + | रात भर जो थे अपने वही |
− | और हम सन्दली हो गये | + | सुबह को अजनबी हो गये |
− | हम ठहरते भला किसलिए | + | |
− | हम तो बहती नदी हो गये | + | आपने हमको छू भर दिया |
− | हम जो आये तो सब खुश हुए | + | और हम सन्दली हो गये |
− | आप क्यों मातमी हो गये | + | |
− | पढ़ सको तो पढ़ो गौर से | + | हम ठहरते भला किसलिए |
− | ‘शम्स’ खुद शायरी हो गये | + | हम तो बहती नदी हो गये |
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+ | हम जो आये तो सब खुश हुए | ||
+ | आप क्यों मातमी हो गये | ||
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+ | पढ़ सको तो पढ़ो गौर से | ||
+ | ‘शम्स’ खुद शायरी हो गये | ||
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21:26, 16 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण
हादसे तीरगी हो गये
हौसले रोशनी हो गये
आदमी हो गये जानवर
देवता आदमी हो गये
रात भर जो थे अपने वही
सुबह को अजनबी हो गये
आपने हमको छू भर दिया
और हम सन्दली हो गये
हम ठहरते भला किसलिए
हम तो बहती नदी हो गये
हम जो आये तो सब खुश हुए
आप क्यों मातमी हो गये
पढ़ सको तो पढ़ो गौर से
‘शम्स’ खुद शायरी हो गये