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"दिल लुभाती रही रात भर चांदनी / दिनेश त्रिपाठी 'शम्स'" के अवतरणों में अंतर
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− | जाने किस मीत के प्रीत का गीत ही | + | |
− | गुनगुनाती रही रात भर चांदनी | + | जाने किस मीत के प्रीत का गीत ही |
− | द्वार पर देख तारों की बारात को | + | गुनगुनाती रही रात भर चांदनी |
− | बस लजाती रही रात भर चांदनी | + | |
− | छोड़कर आ गयी नभ मगर भूमि पर | + | द्वार पर देख तारों की बारात को |
− | छटपटाती रही रात भर चांदनी | + | बस लजाती रही रात भर चांदनी |
− | ताल पर जाल किरणों का ले के भला | + | |
+ | छोड़कर आ गयी नभ मगर भूमि पर | ||
+ | छटपटाती रही रात भर चांदनी | ||
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+ | ताल पर जाल किरणों का ले के भला | ||
क्या फंसाती रही रात भर चांदनी ? | क्या फंसाती रही रात भर चांदनी ? | ||
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21:27, 16 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण
दिल लुभाती रही रात भर चांदनी
मुस्कुराती रही रात भर चांदनी
जाने किस मीत के प्रीत का गीत ही
गुनगुनाती रही रात भर चांदनी
द्वार पर देख तारों की बारात को
बस लजाती रही रात भर चांदनी
छोड़कर आ गयी नभ मगर भूमि पर
छटपटाती रही रात भर चांदनी
ताल पर जाल किरणों का ले के भला
क्या फंसाती रही रात भर चांदनी ?