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"धूप / रमेश तैलंग" के अवतरणों में अंतर

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लि‍ए हाथ में फूल छड़ी।
 
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झरने जैसी झरती है।
 
झरने जैसी झरती है।

02:38, 18 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

लि‍ए हाथ में फूल छड़ी।
आँगन में है धूप खड़ी।

झरने जैसी झरती है।
आंख-मि‍चौली करती है।

पर्वत पर चढ़ जाती है।
सागर पर इठलाती है।

दि‍न भर शोर मचाती है।
शाम ढले सो जाती है।