भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सजधज आयी आ रात छिनाळ / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आ सदी मिजळी मरै /...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

20:21, 16 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

सजधज आयी आ रात छिनाळ
म्हैं जाणू ईं री जात छिनाळ

रात भर सागै राखै भोर में
सूरज रै मारै लात छिनाळ

बळती बाजै का मुधरी पून
आ करै नित नुंवी घात छिनाळ

मुळकै-बतळावै पड़दो करै
इण री तो है हर बात छिनाळ

भरी पंचायत इत्तो कह उठी
कूड़ा है फेरा सात छिनाळ