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हुवै जद म्हारै सागै भायला
आ सांस सोरी लागै भायला
अब कोसां तांई चाल्या बगसूं
सोच कांई है आगै भायला
आ बाजी जीतांला आपां ई
मन में आ आस जागै भायला
छोड छिटका परै जाता म्हैं ई
बांध्या कंवळै धागै भायला
आ ओळूं ई धन थारो-म्हारो
आई चालसी सागै भायला