भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आखर री औकात, पृष्ठ- 13 / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आखर री औकात / सां...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:33, 18 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

आ दौड़ आंधी
अठै नूंवा नकोर
बठै जा बासी
०००

आपणी भासा
अरे सावळ चींत
पुळ का भींत ?
०००

मांय अकूड़ी
जे सावळ सोधा तो
मोती ई लाधै
०००

ऐ बीज, पाणी
हरियाळी व्है खेत
नहीं तो रेत
०००

दिनूगै दृढ
पिघळै मोम दांईं
रात पड़तां
०००