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"पूंजी / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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19:55, 11 सितम्बर 2007 का अवतरण

न पहाड़ों के गीत थे मेरे पास

न घाटियों दर्रों के

न सागर नदियों के गीत थे

न नाविक मछुआरों के,

मैं तो मैदानों खेतों का रहनवार

थोड़े से बोल थे बग़ीचे बघारों के ।