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"आखर री औकात, पृष्ठ- 55 / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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माथै आ पड़ी
हुकम व्है तो बापू
ताकां लाठड़ी
०००

लटकावता
खुद लटक्योड़ा है
लाई ’हेंगर’
०००

दाब्यां नीं दबै
धरती फाड़ ऊगै
बागी व्है बीज
०००

पैली त्रेसठ
पतो नीं कांई व्हियो
छत्तीस व्हैगा
०००

अबोला हुया
एक दूजै नै पूछै-
थां कांईं कैयो ?
०००