भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आखर री औकात, पृष्ठ- 59 / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आखर री औकात / सां...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:09, 23 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण
चन्नण डील
धुख’र व्हैग्यो राख
ओळूं अगन
०००
बीती बातां रा
मुड़दा घुखै अठै
ओळूं मसाण
०००
आंसुवां सींच्यो
बारूं ई मास हर्यो
ओळूं बिरछ
०००
मन आंगणै
जिद झाल पसरै
ओळूं टाबर
०००
मरग्या व्हैता
जे नीं लाधती म्हांनै
ओळूं औखद
०००