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"मरमरी बाजुओं को फैलाकर / मनु भारद्वाज" के अवतरणों में अंतर
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03:07, 19 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण
मरमरी बाजुओं को फैलाकर
मेरे सीने से लग जा शरमाकर
तुझको बदनाम न कर दे दुनिया
मेरी ख़ातिर न इतना सोचा कर
वो मजारें हैं इश्क वालों की
चल मेरे साथ वहाँ सजदा कर
पास आकर तेरे तड़प ही उठा
दिल को लाया था ख़ूब समझकर
उम्र भर बनके रहेगा मेरा
तू न रूठेगा कभी वादा कर
इश्क की आबरू बचा ले 'मनु'
हुस्न को भी न कभी रुसवा कर