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"नगर-नगर हर गांव-गांव में जो है बस्ती / शिवदीन राम जोशी" के अवतरणों में अंतर

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नगर-नगर हर गांव-गांव में जो है बस्ती,
सभी ठौर इक रंग मिले ना चीजां सस्ती।
दो नम्बर का काम काम तो करबो सीखो,
नेतां से जा मिलो फेर रंग पडे न फिको।
अटपट भाषा बोलकर देश भक्त कहलाय,
देश धर्म निरपेक्ष है को शिवदीन सहाय।
राम गुण गायरे।