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"कंधे झुक जाते हैं / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर

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('कंधे झुक जाते है जब बोझ से इस लम्बे सफ़र के हांफ जाता ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
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एक नन्ही सी नज़्म मेरे सामने आ कर  
 
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मुझ से कहती है मेरा हाथ पकड़ कर, मेरे शायर  
 
मुझ से कहती है मेरा हाथ पकड़ कर, मेरे शायर  
ला , मेरे कन्धों पे रख दे, में तेरा बोझ उठा लूं
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ला , मेरे कन्धों पे रख दे, में तेरा बोझ उठा लूं  
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.... गुलज़ार

17:42, 10 दिसम्बर 2011 का अवतरण

कंधे झुक जाते है जब बोझ से इस लम्बे सफ़र के हांफ जाता हूँ में जब चड़ते हुए तेज चढाने सांसे रह जाती है जब सीने में एक गुच्छा हो कर और लगता है दम टूट जायेगा येही पर

एक नन्ही सी नज़्म मेरे सामने आ कर मुझ से कहती है मेरा हाथ पकड़ कर, मेरे शायर ला , मेरे कन्धों पे रख दे, में तेरा बोझ उठा लूं .... गुलज़ार