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"जो इस शोर से 'मीर' रोता रहेगा / मीर तक़ी 'मीर'" के अवतरणों में अंतर
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मैं वो रोनेवाला जहाँ से चला हूँ | मैं वो रोनेवाला जहाँ से चला हूँ | ||
− | जिसे अब्र हर साल रोता रहेगा | + | जिसे अब्र<sup>1</sup> हर साल रोता रहेगा |
− | मुझे काम रोने से हरदम है | + | मुझे काम रोने से हरदम है नासेह<sup>2</sup> |
तू कब तक मेरे मुँह को धोता रहेगा | तू कब तक मेरे मुँह को धोता रहेगा | ||
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− | बसे | + | बसे गिरया<sup>3</sup> आंखें तेरी क्या नहीं हैं |
जहाँ को कहाँ तक डुबोता रहेगा | जहाँ को कहाँ तक डुबोता रहेगा | ||
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मेरे दिल ने वो नाला पैदा किया है | मेरे दिल ने वो नाला पैदा किया है | ||
− | जरस के भी जो होश खोता रहेगा | + | जरस<sup>4</sup> के भी जो होश खोता रहेगा |
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− | बस ऐ 'मीर' | + | बस ऐ 'मीर' मिज़गां<sup>5</sup> से पोंछ आंसुओं को |
तू कब तक ये मोती पिरोता रहेगा | तू कब तक ये मोती पिरोता रहेगा | ||
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+ | 1- असीमित | ||
+ | 2- नसीहत देने वाला | ||
+ | 3- रुदन,विलाप | ||
+ | 4- घड़ियाल | ||
+ | 5- भीगी पलकें |
00:57, 13 दिसम्बर 2011 का अवतरण
जो इस शोर से 'मीर' रोता रहेगा
तो हम-साया काहे को सोता रहेगा
मैं वो रोनेवाला जहाँ से चला हूँ
जिसे अब्र1 हर साल रोता रहेगा
मुझे काम रोने से हरदम है नासेह2
तू कब तक मेरे मुँह को धोता रहेगा
बसे गिरया3 आंखें तेरी क्या नहीं हैं
जहाँ को कहाँ तक डुबोता रहेगा
मेरे दिल ने वो नाला पैदा किया है
जरस4 के भी जो होश खोता रहेगा
तू यूं गालियाँ गैर को शौक़ से दे
हमें कुछ कहेगा तो होता रहेगा
बस ऐ 'मीर' मिज़गां5 से पोंछ आंसुओं को
तू कब तक ये मोती पिरोता रहेगा
1- असीमित
2- नसीहत देने वाला
3- रुदन,विलाप
4- घड़ियाल
5- भीगी पलकें