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"कंधे झुक जाते हैं / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर

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कंधे झुक जाते है जब बोझ से इस लम्बे सफ़र के  
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कंधे झुक जाते है जब बोझ से इस लम्बे सफ़र के <br />
हांफ जाता हूँ में जब चड़ते हुए तेज चढाने  
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हांफ जाता हूँ मैं जब चढ़ते हुए तेज चढाने <br />
सांसे रह जाती है जब सीने में एक गुच्छा हो कर  
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सांसे रह जाती है जब सीने में एक गुच्छा हो कर<br />
और लगता है दम टूट जायेगा येही पर  
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और लगता है दम टूट जायेगा यहीं पर <br />
  
एक नन्ही सी नज़्म मेरे सामने आ कर  
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एक नन्ही सी नज़्म मेरे सामने आ कर <br />
मुझ से कहती है मेरा हाथ पकड़ कर, मेरे शायर  
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मुझ से कहती है मेरा हाथ पकड़ कर-मेरे शायर <br />
ला , मेरे कन्धों पे रख दे, में तेरा बोझ उठा लूं  
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ला , मेरे कन्धों पे रख दे,<br />
.... गुलज़ार
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में तेरा बोझ उठा लूं <br />

20:13, 15 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

कंधे झुक जाते है जब बोझ से इस लम्बे सफ़र के
हांफ जाता हूँ मैं जब चढ़ते हुए तेज चढाने
सांसे रह जाती है जब सीने में एक गुच्छा हो कर
और लगता है दम टूट जायेगा यहीं पर

एक नन्ही सी नज़्म मेरे सामने आ कर
मुझ से कहती है मेरा हाथ पकड़ कर-मेरे शायर
ला , मेरे कन्धों पे रख दे,
में तेरा बोझ उठा लूं