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"पानी के संस्मरण / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर
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बयार : खिड़की पर खड़े, आ गई फुहार | बयार : खिड़की पर खड़े, आ गई फुहार | ||
रात : उजली रेती के पार; सहसा दिखी | रात : उजली रेती के पार; सहसा दिखी | ||
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मन में पानी के अनेक संस्मरण हैं । | मन में पानी के अनेक संस्मरण हैं । | ||
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00:46, 19 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
कौंध । दूर घोर वन में मूसलाधार वृष्टि
दुपहर : घना ताल : ऊपर झुकी आम की डाल
बयार : खिड़की पर खड़े, आ गई फुहार
रात : उजली रेती के पार; सहसा दिखी
शान्त नदी गहरी
मन में पानी के अनेक संस्मरण हैं ।