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"विवाह - गीत - बाबा जे बेटी बुलावें / अवधी" के अवतरणों में अंतर

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('<poem> बाबा जे बेटी बुलावें जांघ बैठावे बेटी कौन कौन सु...' के साथ नया पन्ना बनाया)
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22:16, 16 जनवरी 2012 का अवतरण

बाबा जे बेटी बुलावें जांघ बैठावे
बेटी कौन कौन सुख पायु महसे कहो अर्थाये
 सोने के कटोरवा बाबा हमरा भोजँव दुधवा हमरा अस्नान
सोने की पलंगिया बाबा हमरी सेजरिया भुईया मै लोटहूँ अकेल
उसर जोत बेटी काकर बोयों न जान्यो तित की मीठ
नगर पैईठ बेटी तोरा बार दूँढयों नहि जान्यो करमा तोहर

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