भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"काम वाली / अशोक तिवारी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक तिवारी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem> '''का...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
<Poem>
 
<Poem>
 
'''काम वाली'''
 
'''काम वाली'''
 
  
 
क्या है नाम उसका
 
क्या है नाम उसका
 
 
काम करती है जो तुम्हारे घर में आकर
 
काम करती है जो तुम्हारे घर में आकर
 
 
रोज सुबह से लेकर शाम तक
 
रोज सुबह से लेकर शाम तक
 
 
छोटे से लेकर बड़े काम
 
छोटे से लेकर बड़े काम
 
 
मोटे से लेकर पतले काम
 
मोटे से लेकर पतले काम
 
 
झाड़ू बुहारी से लेकर
 
झाड़ू बुहारी से लेकर
 
 
बर्तन और पोंछे का काम
 
बर्तन और पोंछे का काम
 
 
क्या है उसका नाम
 
क्या है उसका नाम
 
 
- काम वाली
 
- काम वाली
 
 
उसका असली नाम
 
उसका असली नाम
 
 
- काम वाली
 
- काम वाली
 
 
प्रचलित नाम
 
प्रचलित नाम
 
 
- काम वाली
 
- काम वाली
 
 
काम वाली, काम वाली
 
काम वाली, काम वाली
 
 
ही पुकारी जाती है काम वाली
 
ही पुकारी जाती है काम वाली
 
 
उसके नाम की ज़रूरत
 
उसके नाम की ज़रूरत
 
 
किसी को नहीं
 
किसी को नहीं
 
 
काम की ज़रूरत सबको है
 
काम की ज़रूरत सबको है
 
 
और इसीलिए पुकारी जाती है वो - काम वाली
 
और इसीलिए पुकारी जाती है वो - काम वाली
 
 
ऐसी काम वाली
 
ऐसी काम वाली
 
 
जो अपने घर के काम को
 
जो अपने घर के काम को
 
 
छोड़कर आती बिना किए पूरा - अधूरा
 
छोड़कर आती बिना किए पूरा - अधूरा
 
 
अपने घर के अधूरेपन को
 
अपने घर के अधूरेपन को
 
 
पूरा करती है काम वाली
 
पूरा करती है काम वाली
 
 
आपके घरो में आकर
 
आपके घरो में आकर
 
 
आपके घर में आकर सांस लेती है
 
आपके घर में आकर सांस लेती है
 
 
आपके सपने के साथ
 
आपके सपने के साथ
 
 
उसे सजाती है
 
उसे सजाती है
 
 
सॅवारती है
 
सॅवारती है
 
 
क़रीने से रखती है
 
क़रीने से रखती है
 
 
हर बेजान वस्तु को,
 
हर बेजान वस्तु को,
 
 
जुटी रहती है वो
 
जुटी रहती है वो
 
 
करने के लिए
 
करने के लिए
 
 
तुम्हारा हर काम
 
तुम्हारा हर काम
 
 
तुम्हारी इच्छा के मुताबिक
 
तुम्हारी इच्छा के मुताबिक
 
 
अपने बच्चों की भूख
 
अपने बच्चों की भूख
 
 
को मिटती देखती है जो
 
को मिटती देखती है जो
 
 
आपकी रसोई में काम करते हुए
 
आपकी रसोई में काम करते हुए
 
 
   
 
   
 
 
सूरज को उगता - डूबता हुआ देखती है
 
सूरज को उगता - डूबता हुआ देखती है
 
 
वो भागते हुए
 
वो भागते हुए
 
 
कभी घर से, कभी घर को
 
कभी घर से, कभी घर को
 
 
यांत्रिक गति के साथ चलते है
 
यांत्रिक गति के साथ चलते है
 
 
उसके शरीर के हर अवयब
 
उसके शरीर के हर अवयब
 
 
खट खटा खट खट चलती है
 
खट खटा खट खट चलती है
 
 
उसके जीवन लय
 
उसके जीवन लय
 
 
काम के लिए
 
काम के लिए
 
 
काम के साथ.......
 
काम के साथ.......
 
 
काम करते हुए भी वो सोचती है
 
काम करते हुए भी वो सोचती है
 
 
काम के बारे में
 
काम के बारे में
 
 
खानों मे बॅटी हुई उसकी ज़िंदगी में
 
खानों मे बॅटी हुई उसकी ज़िंदगी में
 
 
भरे पड़े हैं ढेरों काम
 
भरे पड़े हैं ढेरों काम
 
 
काम में बीबीजी हैं  
 
काम में बीबीजी हैं  
 
 
काम में बाबूजी हैं
 
काम में बाबूजी हैं
 
 
काम में माताजी हैं
 
काम में माताजी हैं
 
 
काम में पति है, बच्चे हैं
 
काम में पति है, बच्चे हैं
 
 
मां है, बाप है, भाई है
 
मां है, बाप है, भाई है
 
 
रिश्तों की पूरी फ़ेहरिश्त  है
 
रिश्तों की पूरी फ़ेहरिश्त  है
 
 
   
 
   
 
 
काम है जो चिपका हुआ है
 
काम है जो चिपका हुआ है
 
 
उसके माथे पर मोटा मोटा
 
उसके माथे पर मोटा मोटा
 
 
यही है जिसे वो सोच रही होती है
 
यही है जिसे वो सोच रही होती है
 
 
आपके घर आने और घर से जाते वक़्त
 
आपके घर आने और घर से जाते वक़्त
 
 
   
 
   
 
 
आप हैरान न हों
 
आप हैरान न हों
 
 
बहुत संभव है आप
 
बहुत संभव है आप
 
 
उसे उसके असली नाम से पुकारें जब भी
 
उसे उसके असली नाम से पुकारें जब भी
 
 
वो न दे कोई रेस्पोंस
 
वो न दे कोई रेस्पोंस
 
 
क्योंकि काम के लिए समर्पित वो औरत
 
क्योंकि काम के लिए समर्पित वो औरत
 
 
न चाहते हुए भी बन जाती है वही
 
न चाहते हुए भी बन जाती है वही
 
 
जो नहीं चाहती वो बनना
 
जो नहीं चाहती वो बनना
 
 
सिर्फ़ काम वाली।
 
सिर्फ़ काम वाली।
 
 
................
 
................
 
 
01/05/2009
 
01/05/2009
 
</poem>
 
</poem>

10:52, 2 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण

काम वाली

क्या है नाम उसका
काम करती है जो तुम्हारे घर में आकर
रोज सुबह से लेकर शाम तक
छोटे से लेकर बड़े काम
मोटे से लेकर पतले काम
झाड़ू बुहारी से लेकर
बर्तन और पोंछे का काम
क्या है उसका नाम
- काम वाली
उसका असली नाम
- काम वाली
प्रचलित नाम
- काम वाली
काम वाली, काम वाली
ही पुकारी जाती है काम वाली
उसके नाम की ज़रूरत
किसी को नहीं
काम की ज़रूरत सबको है
और इसीलिए पुकारी जाती है वो - काम वाली
ऐसी काम वाली
जो अपने घर के काम को
छोड़कर आती बिना किए पूरा - अधूरा
अपने घर के अधूरेपन को
पूरा करती है काम वाली
आपके घरो में आकर
आपके घर में आकर सांस लेती है
आपके सपने के साथ
उसे सजाती है
सॅवारती है
क़रीने से रखती है
हर बेजान वस्तु को,
जुटी रहती है वो
करने के लिए
तुम्हारा हर काम
तुम्हारी इच्छा के मुताबिक
अपने बच्चों की भूख
को मिटती देखती है जो
आपकी रसोई में काम करते हुए
 
सूरज को उगता - डूबता हुआ देखती है
वो भागते हुए
कभी घर से, कभी घर को
यांत्रिक गति के साथ चलते है
उसके शरीर के हर अवयब
खट खटा खट खट चलती है
उसके जीवन लय
काम के लिए
काम के साथ.......
काम करते हुए भी वो सोचती है
काम के बारे में
खानों मे बॅटी हुई उसकी ज़िंदगी में
भरे पड़े हैं ढेरों काम
काम में बीबीजी हैं
काम में बाबूजी हैं
काम में माताजी हैं
काम में पति है, बच्चे हैं
मां है, बाप है, भाई है
रिश्तों की पूरी फ़ेहरिश्त है
 
काम है जो चिपका हुआ है
उसके माथे पर मोटा मोटा
यही है जिसे वो सोच रही होती है
आपके घर आने और घर से जाते वक़्त
 
आप हैरान न हों
बहुत संभव है आप
उसे उसके असली नाम से पुकारें जब भी
वो न दे कोई रेस्पोंस
क्योंकि काम के लिए समर्पित वो औरत
न चाहते हुए भी बन जाती है वही
जो नहीं चाहती वो बनना
सिर्फ़ काम वाली।
................
01/05/2009