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"बक़द्र-ए-शौक़ इक़रार-ए-वफ़ा क्या / सीमाब अकबराबादी" के अवतरणों में अंतर

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यहाँ दिल ही नहीं दिल से दुआ क्या|
 
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शिकस्ता-साज़ क्या उस की सज़ा क्या|
 
शिकस्ता-साज़ क्या उस की सज़ा क्या|
 
   
 
   

08:36, 20 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण

 बक़द्र-ए-शौक़ इक़रार-ए-वफ़ा क्या|
हमारे शौक़ की है इंतहा क्या|

मुहब्बत का यही सब शगल ठहरा,
तो फिर आह-ए-रसा क्या ना-रसा क्या|
 
दुआ दिल से जो निकले कारगर हो,
यहाँ दिल ही नहीं दिल से दुआ क्या|
 
दिल-ए-आफ़त-ज़दा का मुद्द'आ क्या,
शिकस्ता-साज़ क्या उस की सज़ा क्या|
 
सलामत दामन-ए-उम्मीद-ए-"सीमाब",
मुहब्बत में किसी का आसरा क्या|