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"वेला हुई संवत्सरा / सोम ठाकुर" के अवतरणों में अंतर
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छवियाँ अपत्रित डाल की | छवियाँ अपत्रित डाल की | ||
निरखे खुला आकाश भी | निरखे खुला आकाश भी | ||
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मुक्ता बनेगी हर व्यथा | मुक्ता बनेगी हर व्यथा | ||
सुनकर हरी अपनी कथा | सुनकर हरी अपनी कथा | ||
− | है आज तो | + | है आज तो पतझार से |
− | हर | + | हर ओर पीत वसुंधरा |
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11:52, 24 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण
हेमंत की पैनी हवा
वेला हुई संवत्सरा
जैसे शकुन तिथि तीज का
यह जन्म ऋतु - संबीज का
लेकर परीक्षित गोद में
घूमे अधीरा उत्तरा
लो, दृष्टि आँके ताल की
छवियाँ अपत्रित डाल की
निरखे खुला आकाश भी
यह सृष्टि नील दिगंबरा
मुक्ता बनेगी हर व्यथा
सुनकर हरी अपनी कथा
है आज तो पतझार से
हर ओर पीत वसुंधरा