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"क्या खोएंगे आज न जाने / ओमप्रकाश यती" के अवतरणों में अंतर
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क्या खोएँगे आज न जाने | क्या खोएँगे आज न जाने | ||
हम निकले हैं फिर कुछ पाने | हम निकले हैं फिर कुछ पाने | ||
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ज़ाहिर खूब करें याराने | ज़ाहिर खूब करें याराने | ||
− | भीतर साधें लोग निशाने | + | भीतर साधें लोग निशाने |
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कैसे - कैसे काम बनेगा | कैसे - कैसे काम बनेगा | ||
बुनते रहते ताने - बाने | बुनते रहते ताने - बाने | ||
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अब भी यूँ लगता है जैसे | अब भी यूँ लगता है जैसे | ||
अम्मा बैठी है सिरहाने | अम्मा बैठी है सिरहाने | ||
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घर ने मुझको ऐसे घेरा | घर ने मुझको ऐसे घेरा | ||
छूटे सारे मीत पुराने | छूटे सारे मीत पुराने | ||
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बेपरवाही भूल गए हम | बेपरवाही भूल गए हम | ||
रहते हैं हरदम कुछ ठाने | रहते हैं हरदम कुछ ठाने | ||
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अम्मा तो जी भर के रोई | अम्मा तो जी भर के रोई | ||
पीर सही चुपचाप पिता ने | पीर सही चुपचाप पिता ने | ||
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07:01, 28 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण
क्या खोएँगे आज न जाने
हम निकले हैं फिर कुछ पाने
ज़ाहिर खूब करें याराने
भीतर साधें लोग निशाने
कैसे - कैसे काम बनेगा
बुनते रहते ताने - बाने
अब भी यूँ लगता है जैसे
अम्मा बैठी है सिरहाने
घर ने मुझको ऐसे घेरा
छूटे सारे मीत पुराने
बेपरवाही भूल गए हम
रहते हैं हरदम कुछ ठाने
अम्मा तो जी भर के रोई
पीर सही चुपचाप पिता ने