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"कोई रहबर कोई रहज़न कोई हमदम हुआ होगा / रविंदर कुमार सोनी" के अवतरणों में अंतर
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कोई रहबर कोई रहज़न कोई हमदम हुआ होगा | कोई रहबर कोई रहज़न कोई हमदम हुआ होगा |
08:23, 28 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण
कोई रहबर कोई रहज़न कोई हमदम हुआ होगा
रह ए दिल में कोई मेरा शरीक ए ग़म हुआ होगा
वो ठहरे संग दिल, मैंने तो मर कर ज़िन्दगी पाई
उन्हें मरने पे मेरे कौन जाने ग़म हुआ होगा
धड़कना भी उसे अब चैन से हासिल नहीं या रब
मिरे दिल पर मुहब्बत का असर क्या कम हुआ होगा
जिसे देखा तमाशाई बना था उन के जलवों का
उठा परदा तो क्या मालूम क्या आलम हुआ होगा
शब ए ग़म मेरी आँखों से जो बह निकले थे सोते में
तिरा दामन उन्हीं अश्कों से शायद नम हुआ होगा
न मंदिर में, न मस्जिद में, न काशी में, न काबे में
वो तेरा नक़श ए पा जिस पर मिरा सर ख़म हुआ होगा
निकल कर जिस्म से बाहर हयात ए नो मिली मुझको
रवि,ये देख कर हैरान कुल आलम हुआ होगा