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"बिकते जनपद थाने / शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर
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खोटे सिक्कों की नगरी में | खोटे सिक्कों की नगरी में |
20:22, 28 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण
बिकते जनपद थाने
नकली दवा , प्रदूषित पानी
सेहत के अफसाने
ढूंढ रहे शैवाल वनों में
हम मोती के दाने
लोभी कुर्सी , भृष्ट व्यवस्था
राजनीति दलबदलू
ठेका, टेण्डर और कमीशन
सिक्के के दो पहलू,
बंदर बाँट, आँकड़े फर्जी
बिकते जनपद थाने
सुविधा शुल्क, बढ़ी मँहगाई
रामराज्य के सपने
निभा रहे दोमुँही भूमिका
जो कल तक थे अपने
आसमान छूने की बातें
खाली पडे़ खजाने
अफसरशाही, नेतागीरी
एक खाट दो पाये
खोटे सिक्कों की नगरी में
सोना मुँह लटकाये
लाठी, डण्डे, बम, बन्दूकें
लोकतन्त्र के माने
ढूंढ रहे शैवाल वनों में
हम मोती के दाने