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"हाइकु / गोपालदास "नीरज"" के अवतरणों में अंतर

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हे स्वर्ण केशी  
 
हे स्वर्ण केशी  
भूल न यह यौवन है  
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भूल न यौवन है  
 
पंछी विदेशी   
 
पंछी विदेशी   
  

12:03, 8 मार्च 2012 के समय का अवतरण


जन्म मरण
समय की गति के
हैं दो चरण

वो हैं अकेले
दूर खडे होकर
देखें जो मेले

मेरी जवानी
कटे हुये पंखों की
एक निशानी

हे स्वर्ण केशी
भूल न यौवन है
पंछी विदेशी

वो है अपने
देखें हो मैने जैसे
झूठे सपने

किससे कहें
सब के सब दुख
खुद ही सहें

हे अनजानी
जीवन की कहानी
किसने जानी

नीरज जी हाइकू 2009 के सम्मानित रचनाकार हैं