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"रोटी पर एक कविता / धूमिल" के अवतरणों में अंतर
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'''धूमिल की अंतिम कविता जिसे बिना नाम दिये ही वे संसार छोड़ कर चल बसे ।''' | '''धूमिल की अंतिम कविता जिसे बिना नाम दिये ही वे संसार छोड़ कर चल बसे ।''' | ||
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− | शब्द किस तरह | + | शब्द किस तरह |
− | कविता बनते हैं | + | कविता बनते हैं |
− | इसे देखो | + | इसे देखो |
− | अक्षरों के बीच गिरे हुए | + | अक्षरों के बीच गिरे हुए |
− | आदमी को पढ़ो | + | आदमी को पढ़ो |
− | क्या तुमने सुना कि यह | + | क्या तुमने सुना कि यह |
− | लोहे की आवाज़ है या | + | लोहे की आवाज़ है या |
− | मिट्टी में गिरे हुए खून | + | मिट्टी में गिरे हुए खून |
− | का रंग। | + | का रंग। |
− | लोहे का स्वाद | + | लोहे का स्वाद |
− | लोहार से मत पूछो | + | लोहार से मत पूछो |
− | घोडे से पूछो | + | घोडे से पूछो |
जिसके मुंह में लगाम है। | जिसके मुंह में लगाम है। | ||
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19:48, 12 मार्च 2012 के समय का अवतरण
धूमिल की अंतिम कविता जिसे बिना नाम दिये ही वे संसार छोड़ कर चल बसे ।
शब्द किस तरह
कविता बनते हैं
इसे देखो
अक्षरों के बीच गिरे हुए
आदमी को पढ़ो
क्या तुमने सुना कि यह
लोहे की आवाज़ है या
मिट्टी में गिरे हुए खून
का रंग।
लोहे का स्वाद
लोहार से मत पूछो
घोडे से पूछो
जिसके मुंह में लगाम है।