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"रोशनी / पुष्पेन्द्र फाल्गुन" के अवतरणों में अंतर

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आग में नहीं
 
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भूख में होती है रोशनी
 
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आशाएँ
 
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कभी राख नहीं होती
 
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बालसुलभ रहती है
 
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हिम्मत, ताउम्र
 
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जरूरत
 
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अविष्कार की जननी नहीं, पिता है
 
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लौ लगे जीवन ही
 
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अँधेरे का रोशनदान बन पाएंगे।
  
 
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अँधेरे का रोशनदान बन पाएंगे।
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13:43, 25 मार्च 2012 के समय का अवतरण


आग में नहीं
भूख में होती है रोशनी
आशाएँ
कभी राख नहीं होती
बालसुलभ रहती है
हिम्मत, ताउम्र
जरूरत
अविष्कार की जननी नहीं, पिता है
लौ लगे जीवन ही
अँधेरे का रोशनदान बन पाएंगे।