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"उनके स्वर / विपिन चौधरी" के अवतरणों में अंतर

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तनी हुई मुट्ठी लिये
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तनी हुई मुट्ठी लिए
 
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क्षितिज के उस पार,
 
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बगावत की
 
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तयशुदा परिभाषा के साथ।
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तयशुदा परिभाषा के साथ ।
  
अंधेरे और उजाले,
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अँधेरे और उजाले,
 
सच और झूठ,
 
सच और झूठ,
 
भविष्य और वर्तमान,
 
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सपने और हकीकत के बीच,
 
सपने और हकीकत के बीच,
स्पष्ट भेद करते हुए।
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स्पष्ट भेद करते हुए ।
  
 
जीवन और मृत्यु,
 
जीवन और मृत्यु,
 
प्रेम और जुदाई,
 
प्रेम और जुदाई,
के बीच का विकल्प तलाशते हुए।
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के बीच का विकल्प तलाशते हुए ।
  
जीने की उत्कट तलब लिये
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जीने की उत्कट तलब लिए
खामोशी की बुनी हुई पैरहन ओढ़े
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ख़ामोशी की बुनी हुई पैरहन ओढ़े
शब्दों के सुगबुगाते अंगारे लिये।
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शब्दों के सुगबुगाते अंगारे लिए ।
  
आखिरी इमारत के ध्वस्त होने से पहले,
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आख़िरी इमारत के ध्वस्त होने से पहले,
लड़ाई के प्रबल दांव पेंच लिये,
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लड़ाई के प्रबल दाँव-पेंच लिए,
 
वे तमाम अवरोधों से टक्कर लें
 
वे तमाम अवरोधों से टक्कर लें
 
तनी मुट्ठी के साथ
 
तनी मुट्ठी के साथ
उतर आएंगे वे
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उतर आएँगे वे
 
यकीनन
 
यकीनन
सड़क के बीचों बीच
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सड़क के बीचों-बीच
सूर्यास्त से ठीक पहले।
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सूर्यास्त से ठीक पहले ।
 
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17:12, 1 जून 2012 के समय का अवतरण

तनी हुई मुट्ठी लिए
वे बढ़ रहे है,
क्षितिज के उस पार,
बगावत की
तयशुदा परिभाषा के साथ ।

अँधेरे और उजाले,
सच और झूठ,
भविष्य और वर्तमान,
सपने और हकीकत के बीच,
स्पष्ट भेद करते हुए ।

जीवन और मृत्यु,
प्रेम और जुदाई,
के बीच का विकल्प तलाशते हुए ।

जीने की उत्कट तलब लिए
ख़ामोशी की बुनी हुई पैरहन ओढ़े
शब्दों के सुगबुगाते अंगारे लिए ।

आख़िरी इमारत के ध्वस्त होने से पहले,
लड़ाई के प्रबल दाँव-पेंच लिए,
वे तमाम अवरोधों से टक्कर लें
तनी मुट्ठी के साथ
उतर आएँगे वे
यकीनन
सड़क के बीचों-बीच
सूर्यास्त से ठीक पहले ।