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"दृढ इन चरण कैरो भरोसो / सूरदास" के अवतरणों में अंतर
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23:19, 2 जनवरी 2008 का अवतरण
दृढ इन चरण कैरो भरोसो, दृढ इन चरणन कैरो ।
श्री वल्लभ नख चंद्र छ्टा बिन, सब जग माही अंधेरो ॥
साधन और नही या कलि में, जासों होत निवेरो ॥
सूर कहा कहे, विविध आंधरो, बिना मोल को चेरो ॥