भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मीठी रस से भरी/ राधा रानी का भजन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('मीठी रस से भरी राधा रानी लागे, मने करो करो जमुनाजी क...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:20, 10 अगस्त 2012 के समय का अवतरण
मीठी रस से भरी राधा रानी लागे,
मने करो करो जमुनाजी को पानी लागे...
जमनाजी तो कारी कारी ,राधा गोरी गोरी,
वृन्दावन धूम मचाये ,बरसाने की छोरी,
बृजधाम राधाजी की जिंदगानी लागे,
मने करो करो ................
काना नित मुरली में टेरे सुमिरे बारम्बार,
कोटिन्ह रूप धरे मन मोहन तरु न पावे पार,
रूप रंग की छबीली पटरानी लागे,
मने करो करो...........
न भावे मन माखन मिसरी, अब न कोई मिठाई,
म्हारी जिभड़ली ने भावे, राधा नाम मलाई
वृषभान की लली तो गुड धानी लागे,
मने करो करो..............
राधा राधा नाम रटत है, जे नर आगे पाप,
तिनकी बाधा दूर करत है, राधा राधा नाम,
राधा नाम में सफल जिंदगानी लागे,
मने करो करो...........................