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"तुम्हारे अंधेरों को / संगीता गुप्ता" के अवतरणों में अंतर

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16:28, 29 अगस्त 2012 के समय का अवतरण


तूम्हारे अँधेरो को
रोशनी मिले
घर, मन
सब जलाया
मेरा हासिल तो बस
मुट्ठी भर राख

ढूँढ़ती
एक नदी
जिसे सौंप दूँ
अपना हासिल
यह मुट्ठी भर राख
और मुक्त हो जाऊँ