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"जीवन गाते गाते बीते / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
 
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|संग्रह= नाव सिन्धु में छोड़ी  / गुलाब खंडेलवाल
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|संग्रह= अन्तःसलिला / गुलाब खंडेलवाल
 
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  दिन भर सागर-तट पर गाऊँ
 
  दिन भर सागर-तट पर गाऊँ
  बालू के घर बना-मिटाऊँ
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  बालू के घर बना-मिटाऊँ
  गाते ही गाते घर आऊँ
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  गाते ही गाते घर आऊँ
 
                             सोच न हारे-जीते
 
                             सोच न हारे-जीते
  

21:33, 29 अगस्त 2012 का अवतरण


       जीवन गाते-गाते बीते
और पहुँच कर अन्तिम सुर पर सुमनान्जलि-सा रीते

 दिन भर सागर-तट पर गाऊँ
  बालू के घर बना-मिटाऊँ
  गाते ही गाते घर आऊँ
                             सोच न हारे-जीते

 नव नव धुन जागे क्षण-क्षण में
 नित नव राग उठे जीवन में
 गीतों मे सज दूँ जो मन में
                            दुख हों मीठे-तीते
                         जीवन गाते-गाते बीते
और पहुँच कर अन्तिम सुर पर सुमनान्जलि-सा रीते