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"असहयोग कर दो / गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'" के अवतरणों में अंतर
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कठिन है परीक्षा न रहने क़सर दो, | कठिन है परीक्षा न रहने क़सर दो, | ||
न अन्याय के आगे तुम झुकने सर दो । | न अन्याय के आगे तुम झुकने सर दो । | ||
गँवाओ न गौरव नए भाव भर दो, | गँवाओ न गौरव नए भाव भर दो, | ||
हुई जाति बेपर है तुम इसको पर दो ।। | हुई जाति बेपर है तुम इसको पर दो ।। | ||
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हृदय चोट खाए दबाओगे कब तक, | हृदय चोट खाए दबाओगे कब तक, | ||
बने नीच यों मार खाओगे कब तक, | बने नीच यों मार खाओगे कब तक, | ||
तुम्हीं नाज़ बेजा उठाओ कब तक, | तुम्हीं नाज़ बेजा उठाओ कब तक, | ||
बँधे बन्दगी यों बजाओगे कब तक । | बँधे बन्दगी यों बजाओगे कब तक । | ||
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17:32, 23 सितम्बर 2012 का अवतरण
असहयोग कर दो ।
असहयोग कर दो ।।
कठिन है परीक्षा न रहने क़सर दो,
न अन्याय के आगे तुम झुकने सर दो ।
गँवाओ न गौरव नए भाव भर दो,
हुई जाति बेपर है तुम इसको पर दो ।।
असहयोग कर दो ।
असहयोग कर दो ।।
हृदय चोट खाए दबाओगे कब तक,
बने नीच यों मार खाओगे कब तक,
तुम्हीं नाज़ बेजा उठाओ कब तक,
बँधे बन्दगी यों बजाओगे कब तक ।
असहयोग कर दो ।
असहयोग कर दो ।।