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"अपने हाथों / सत्यनारायण सोनी" के अवतरणों में अंतर

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खेत हमारे थे
उन्होंने कहा-
बीज डाल दो
हमने खेत बो दिया।

फसल पकी
तो उन्होंने कहा-
अनाज निकालो
और भर दो
हमारे गोदाम।
हमने गोदाम भर दिए
यह सोच
कि दाने-दाने पर
लिखा होता है
खाने वाले का नाम।

मगर
जब हम भूखे थे
रोटी-रोटी चिल्लाए
और बगावत की
तो उन्होंने कहा-
आग लगा दो
खलिहानों में।

तो अब हमें
सोचना होगा
और दाने-दाने पर
खाने वाले का नाम
अपने हाथों लिखना होगा।

1990